नई दिल्ली: कांग्रेस नेता Rahul Gandhi द्वारा मिस इंडिया प्रतियोगिता में दलित या आदिवासी महिलाओं की अनुपस्थिति पर की गई टिप्पणी ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। केंद्रीय मंत्री Kiren Rijiju ने राहुल गांधी के बयान को “बाल बुद्धि” का नतीजा बताया और उन्हें तथ्यों की बेहतर समझ रखने की सलाह दी।
मिस इंडिया में आरक्षण की मांग?
प्रयागराज में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मिस इंडिया प्रतियोगिता में दलित, आदिवासी या ओबीसी महिलाओं की कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि भारत की 90 प्रतिशत आबादी की भागीदारी के बिना देश कैसे अच्छा कर सकता है।
Kiren Rijiju ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर लिखा, “Now, He wants reservations in Miss India competitions, Films, sports! It is not only issue of “Bal Budhi”, but people who cheer him are – equally responsible too! बाल बुद्धि मनोरंजन के लिए अच्छी हो सकती है पर अपनी विभाजनकारी चालों में, हमारे पिछड़े समुदायों का मजाक न उड़ाएं।”
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तथ्यों की जांच की सलाह
Rijiju ने Rahul Gandhi को तथ्यों की जांच करने की सलाह देते हुए कहा कि भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति, ओबीसी से प्रधानमंत्री, और अनुसूचित जाति व जनजाति समुदायों से कई कैबिनेट मंत्री हैं। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी जी, सरकारें मिस इंडिया का चयन नहीं करती हैं, न ही ओलंपिक एथलीटों या फिल्मी अभिनेताओं का।”
रिजिजू का बयान
Kiren Rijiju ने कहा कि Rahul Gandhi ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सुप्रीम कोर्ट को आईएएस, आईपीएस, और अन्य शीर्ष सेवाओं में आरक्षण में बदलाव की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कांग्रेस नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि “बाल बुद्धि मनोरंजन के लिए ठीक हो सकती है, लेकिन विभाजनकारी रणनीतियों में पिछड़े समुदायों का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।”
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